Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    नेपाल में हिमस्खलन त्रासदी: 7 पर्वतारोहियों की मौत, 4 लापता; प्रभावितों में अमेरिकी और नेपाली गाइड भी शामिल

    नेपाल में हिमस्खलन त्रासदी: 7 पर्वतारोहियों की मौत, 4 लापता; प्रभावितों में अमेरिकी और नेपाली गाइड भी शामिल


    We News 24 :डिजिटल डेस्क » , काठमांडू/नई दिल्ली | अपडेट किया गया: 3 नवंबर, 2025, शाम 6:45 बजे (IST)

    नेपाल के उत्तरपूर्वी दोलखा ज़िले की रोलवालिंग घाटी में यालुंग री चोटी पर स्थित पर्वतारोहियों के बेस कैंप पर सोमवार सुबह एक भीषण हिमस्खलन हुआ। कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें पाँच विदेशी पर्वतारोही और दो नेपाली गाइड शामिल हैं। चार अन्य घायल हो गए, जबकि चार अन्य अभी भी लापता हैं। यह घटना हिमालय की ऊँचाइयों पर साहसिक यात्राओं के जोखिमों को उजागर करती है, जहाँ प्रकृति का प्रकोप कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। नेपाल सशस्त्र पुलिस बल के प्रवक्ता शैलेंद्र थापा ने कहा कि बेस कैंप 4,900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और बचाव दल पैदल ही घटनास्थल पर पहुँच रहे हैं।



    यह दुर्घटना उन परिवारों के लिए एक दर्दनाक आघात है जिन्होंने अपने प्रियजनों को हिमालय की चोटियों पर अपने सपनों को साकार करते देखा है। एक नेपाली गाइड के परिवार ने कहा, "वह हमारा सहारा था। अब क्या होगा?" दुनिया की 14 सबसे ऊँची चोटियों में से आठ का घर नेपाल, हर साल सैकड़ों पर्वतारोहियों को आकर्षित करता है, लेकिन हिमस्खलन जैसी घटनाएँ हमें इसकी कठोर वास्तविकताओं की याद भी दिलाती हैं।



    ये भी पढ़े-श्रीकाकुलम में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़: 9 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, सीएम नायडू ने जिम्मेदारों पर कसा शिकंजा


    दुर्घटना का विवरण: सुबह 9 बजे की आपदा

    सोमवार सुबह लगभग 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) यालुंग री (5,630 मीटर ऊँचाई) के आधार शिविर में 15 सदस्यीय दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया। दल डोलमा खांग (6,332 मीटर) पर चढ़ने की तैयारी कर रहा था। पुलिस उपाधीक्षक ज्ञान कुमार महतो ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि हिमस्खलन ने शिविर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। मृतकों में तीन अमेरिकी नागरिक, एक कनाडाई, एक इतालवी पर्वतारोही और दो नेपाली गाइड शामिल हैं। घायलों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

    नेपाल सेना, पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल की संयुक्त टीमें चार लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। हेलीकॉप्टर बचाव कार्य में देरी हुई क्योंकि यह क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र है और इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। स्थानीय निवासियों ने सुबह-सुबह बचाव दल को फ़ोन किया, लेकिन पहुँचने में समय लग गया।


    यालुंग री: हिमालय का ख़तरनाक सौंदर्य

    रोलवालिंग घाटी में स्थित यालुंग री, गौरीशंकर पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह चोटी पर्वतारोहियों के लिए चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ आकर्षक भी है। नेपाल पर्यटन विभाग के अनुसार, 2024 में हिमालयी क्षेत्र में 1,200 से ज़्यादा पर्वतारोहण परमिट जारी किए गए थे, लेकिन हिमस्खलन के कारण 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर पिघलने और हिमस्खलन की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिससे पर्वतारोहियों के लिए ख़तरा पैदा हो रहा है।


    विवरण/तथ्य: मृत 7 (3 अमेरिकी, 1 कनाडाई, 1 इतालवी, 2 नेपाली) घायल 4 (हालत स्थिर) लापता 4 (तलाश जारी) स्थान: यालुंग री बेस कैंप, रोलवालिंग घाटी, दोलखा समय: 3 नवंबर 2025, सुबह 9 बजे टीम में 15 (विदेशी पर्वतारोही + नेपाली गाइड)


    वैश्विक शोक: अमेरिका की प्रतिक्रिया

    अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, "अपने तीन नागरिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। हम बचाव कार्यों में नेपाल सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं।" कनाडाई और इतालवी दूतावासों ने भी पुष्टि की है कि वे परिवारों के संपर्क में हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शोक व्यक्त किया और बचाव अभियान में तेजी लाने का आदेश दिया। यह घटना 2014 के एवरेस्ट हिमस्खलन (16 मौतें) की याद दिलाती है, जब विदेशी पर्वतारोही सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए थे।

    यह त्रासदी पर्वतारोहण सुरक्षा पर सवाल उठाती है। क्या पर्यटन बढ़ने के साथ जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा? फिलहाल, लापता लोगों की तलाश जारी है—किसी चमत्कार की कामना की जा रही है।



    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728